Deepotsav - दीपोत्सव (गंगा की लहरें)-Kavi Abdul Jabbar (GL-54)

 दीपोत्सव

बधाईयाँ एवं मंगल कामनाएँ

दीप जले 

प्रीत फले 

और अंधेरे हाथ मले 


मिले गले

 लोग भले

सुख दुःख में साथ चले


चमन फले 

गगन तले

 हमें नफरत नहीं छले 


  कदम चले

  प्यार पले

फिर प्रभात हो शाम ढले


   ये शुभ कामना स्वीकार लो

सच्चा प्यार दो सच्चा प्यार लो