Chaand kee sair चाँद की सैर (गंगा की लहरें)-Kavi Abdul Jabbar (GL-33)

 चाँद की सैर 

ऐ चिड़िया रानी तू सुन 

लाया मैं मोती, तू चुन

 आज उदूंगा गगन में भी 

देखना मेरी छत से तुम

 दाल के दाने दूँ तुझको दे दो पंख तेरे मुझको

 मंगल को आकाश में जाऊँ लोटूं धरती पे बुध की 

सोने के बनवा कर दूंगा

 पंख तेरे जो कर दूं गुम

 ऐ चिड़िया रानी तू सुन 

लाया मैं मोती, तू चुन 

रात को रोज़ कहे नानी चाँद पे परियों की रानी

 गाड़ तिरंगा चाँद पे आऊँ मैं बालक हिन्दुस्तानी 

आर्य भट्ट से मिल आऊँगा 

पूछंगा हो कैसे तुम

 ऐ चिड़िया रानी तू सुन 

लाया मैं मोती, तू चुन 

ना मानूं मैं आफत को लगा के सारी ताकत को

 धरती के हर चक्कर पर मैं नयन करूँगा भारत को 

सपने सब साकार करूँगा 

आज लगी है ऐसी धुन 

ऐ चिड़िया रानी तू सुन 

लाया मैं मोती, तू चुन ।