प्रार्थना
ऐ मेरे मालिक, सभी के दिल में तूं ज्ञान का एक दीया जला दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
कटे किताबों की रोशनी से
ये जिन्दगी का सफर खुशी से
कलम दिखाये कमाल अपना, जो हाथ में तू हमें थमा दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
ये चांद, सूरज, जमीन, तारे
समय से आते हैं जाते सारे
हमें भी पहचान हो समय की, तू साधना का हुनर सिखा दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
मिटे गरीबी बेरोजगारी
मिले तालीम सबको सारी
कोई ना अनपढ़ रहे वतन में, ये दाग जीवन से तू मिटा दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
हम एक थे और एक हैं हम
रहेंगे आगे भी एक ही हम
इस एकता में कमी ना आये, तू एकता सौ गुनी बढ़ा दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
अमन का हरदम उड़े परिन्दा
जिऐं वतन के लिए मरें हम, हमें तू शक्ति सदा सदा दे
तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे
तू काम पूरे सभी के कर दे
दया से दामन सभी के भर दे
तेरे इशारे से बदले मौसम, तू फूल पत्थर में भी खिला
दे तू लिखने-पढ़ने की सबके मन में भली सी एक भावना जगा दे