नेहरू की याद करें
जगत
झुलसता जाये जंग
में, सुनो, अमन
की बात करो
अगर
बचानी है दुनिया
को तो नेहरू
की याद करो
मोती
की माया ममता
ने
एक
जवाहर लाल तराशा
खड़ी
कमल थी पलक
बिछाये
बना
वो उस सिंदूर
की आशा
ली
अंगड़ाई यौवन ने
तो
ये
वसुन्धरा बंदी पाई
एक
अहिंसा की वाणी
ही
उसकी
हर आजादी लाई
अरे,
कबूतर उड़े गगन
में और अमन
पर राज करो
अगर
बचानी है दुनिया
को तो नेहरू
की याद करो
वो
गुलाब का फूल
नहीं था
सीने
पर जो रहा
सजाये
हम
भारत वासी का
दिल था
जो जीवन से रहा लगाये
तन
मन धन सब
कुछ दे डाला
देश
की खातिर हित
मानव के
लगा
दाग ना रहा
वो जब तक
हिंसा का उसके दामन से
आज की इस पीढ़ी में पावन नेहरू के जज्बात भरो
अगर बचानी है दुनिया को तो नेहरू की याद करो