शहीद
आखों का नूर वो वतन की शान हो गए
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।
सरहद पे सीना तान के दिन रात था खड़ा
उसके लिए तो जिन्दगी से देश था बड़ा
जांबाज वो जमीं से आसमान हो गये
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।
ताकत वो हौसला थे पयामे अमन थे वो
भारत विशाल देश के जाने चमन थे वो
होकर अमर वो देश का इमान हो गये
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।
जिस पथ से गुजरा वीर वो फूलों से पट गया
सीने से सूरमा के तिरंगा लिपट गया
लो देवता भी जिनके कद्रदान हो गए
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।
दुनिया ने देखा जंग में जिसके कमाल को
ऊँचा किया जहान में भारत के भाल को
जो मिट के हमवतन पे मेहरबान हो गए
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।
उसकी वतन परस्त इबादत को याद कर
मेरे वतन तू उसकी शहादत को याद कर
जब्बार, वो जहान की पहचान हो गये
जो हँसते-हँसते देश पे कुरबान हो गए।