Neharoo kee yaad karen नेहरू की याद करें (गंगा की लहरें) - Kavi Abdul Jabbar (GL-13)

                                                                       नेहरू की याद करें

जगत झुलसता जाये जंग में, सुनो, अमन की बात करो

अगर बचानी है दुनिया को तो नेहरू की याद करो

मोती की माया ममता ने

एक जवाहर लाल तराशा

खड़ी कमल थी पलक बिछाये

बना वो उस सिंदूर की आशा

ली अंगड़ाई यौवन ने तो

ये वसुन्धरा बंदी पाई

एक अहिंसा की वाणी ही

उसकी हर आजादी लाई

 

अरे, कबूतर उड़े गगन में और अमन पर राज करो

अगर बचानी है दुनिया को तो नेहरू की याद करो

वो गुलाब का फूल नहीं था

सीने पर जो रहा सजाये

हम भारत वासी का दिल था

जो जीवन से रहा लगाये

तन मन धन सब कुछ दे डाला

देश की खातिर हित मानव के

लगा दाग ना रहा वो जब तक

हिंसा का उसके दामन से


आज की इस पीढ़ी में पावन नेहरू के जज्बात भरो

अगर बचानी है दुनिया को तो नेहरू की याद करो

Rajat jayantee रजत जयंती ( गंगा की लहरें )-Kavi Abdul Jabbar (GL-12)

रजत जयंती

 

एक अहिंसा की लाठी ने तोपों का मुख मोड़ दिया

आजादी के दीप जले अंधियारों ने पथ छोड़ दिया


नाचो, गावो, जश्न मनाओ

घर आँगन तुम सजो-सजाओ

आजादी की रजत जयंती

में नव युग का दीप जलाओ


मिला है जीवन से जीवन तो क्लेश मात्र सब छोड़ दिया

आजादी के दीप जले अंधियारों ने पथ छोड़ दिया


बांध ये तीरथ धाम नये

लहराये खेती काम नये

नया दौर सब नई उमंगे

अमन के ये पैगाम नये


बरसों की काली रातों में किसने ये नव भोर दिया

आजादी के दीप जले अंधियारों ने पथ छोड़ दिया

 

अमन में है हम फूल कमल के

जंग में हैं हम शूल चुभन के

तलवार से पहले हाथ बढ़े

हम मीत जगत के नूर जगत के


रहेगी कायम ये आजादी कफन जो सर से ओड़ लिया

आजादी के दीप जले अंधियारों ने पथ छोड़ दिया

 

 


Yaad-E-Indira याद-ए-इन्दिरा (गंगा की लहरें) - Kavi Abdul Jabbar (GL-11)

 याद--इन्दिरा

 इन्दिरा बगैर मुल्क मेरा है इस हाल में

दीपक नहीं हो जैसे कि पूजा के थाल में

 परचम वफा का मुल्क में जिससे बुलन्द है

 जिसकी वफा का मुल्क ये एहसानमन्द है

 खुशबू वतनपरस्ती की जिसके जमाल में


टूटी मगर ना टूटने दिया वतन कभी

देकर लहू ना सूखने दिया चमन कभी

सांसों का तेल दे दिया बुझती मशाल में


दुनियां के हर गरीब से था प्यार जो तुम्हें

सदियों भूल ना पायेगा संसार भी तुम्हें

 दुनिया की दर्दमन्द थी वो हर सवाल में


जीवन करोड़ों ने किये नाम आपके

पूरे करेंगे हम अधूरे काम आपके

अकीदत के फूल हैं यही सच्चे खयाल में