दीपोत्सव
बधाईयाँ एवं मंगल कामनाएँ
दीप जले
प्रीत फले
और अंधेरे हाथ मले
मिले गले
लोग भले
सुख दुःख में साथ चले
चमन फले
गगन तले
हमें नफरत नहीं छले
कदम चले
प्यार पले
फिर प्रभात हो शाम ढले
ये शुभ कामना स्वीकार लो
सच्चा प्यार दो सच्चा प्यार लो
दीपोत्सव
बधाईयाँ एवं मंगल कामनाएँ
दीप जले
प्रीत फले
और अंधेरे हाथ मले
मिले गले
लोग भले
सुख दुःख में साथ चले
चमन फले
गगन तले
हमें नफरत नहीं छले
कदम चले
प्यार पले
फिर प्रभात हो शाम ढले
ये शुभ कामना स्वीकार लो
सच्चा प्यार दो सच्चा प्यार लो
साक्षरता-गान
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
जाँबाज़ इस जिले को साक्षर जिला बनाएं, बनाएं
घर गांव ढाणी-ढाणी हमको अलख जगानी
अनपढ़ की ज़िन्दगी में पढ़ने की लौ लगानी
इस रोशनी के रथ को आगे सदा बढ़ाएं, बढ़ाएं
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
मीरा ने पाया मोहन गोदी में इस धरा के
पाया प्रताप ने यश माँ इस वसुन्धरा से
वो कीर्तिमान फिर से हम लोग भी बनाएं, बनाएं
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
सदियों से साथ अपने बेड़च का बहता पानी
गम्भीरी गंगा अपनी है सब की ज़िन्दगानी
बोली बनास सबसे आओ पढ़ें पढ़ाएं, पढ़ाएं
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
नारी का पढ़ना लिखना उत्थान है हमारा
बेटी बहन का बढ़ना सम्मान है हमारा
पन्ना-ओ-पद्मनी के काबिल इन्हें बनाएं, बनाएं
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
ये डूंगला भदेसर वो सादड़ी कपासन
गंगरार राशमी में अरनोद सा सनातन
बेगूं प्रतापगढ़ मिल आगे कदम बढ़ाएं, बढ़ाएं
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाए, बढ़ाएं
निम्बाहेड़ा गज़ल है इक शहर है अदब का
देता भोपालसागर चावल हमें गज़ब का
है भैंसरोड़गढ़ में अणुशक्ति की अदायें, अदायें
चित्तौड़गढ़ की गरिमा सुख शान को बढ़ाएं, बढ़ाएं
बांध चला गठरी अंधियारा
आज दिवाली पर उजियारा फैला इतने प्यार से ।
बांध चला गठरी अंधियारा इस सुन्दर संसार से ।।
आँगन आँगन फैली खुशियां यौवन पर खुशहाली है।
ऋद्धि सिद्धि ने इसे संवारा हर काया मतवाली है।।
आज नयापन रूप का निखरा नारी के श्रृंगार से |
बाँध चला गठरी अंधियारा इस सुन्दर संसार से।।
रंग बिरंगी आतिशबाजी खुशियों का इजहार करे ।
रंग बिरंगी पोशाकों से बच्चे बेहद प्यार करें ।।
चहल पहल है आँगन चन्दन महक उठी हर द्वार से।
बाँध चला गठरी अंधियारा इस सुन्दर संसार से ।।
किरण किरण के साथ में फैला अपनापन प्यारा है।
चन्दन सी खुशबू सा फैला हम में भाईचारा है।
रोशन हो गई सारी दुनियां दीप तेरे उपकार से।
बांध चला गठरी अंधियारा इस सुन्दर संसार से ।।