गौरव-गाथा
चित्तौड़ तेरी गौरव गाथा हर युग में गाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
पाषाण पहाड़ों के तेरे पावन गंगा के पानी से
माटी चन्दन है माथे की जो चमक रही कुर्बानी से
सांगा का पौरूष तुझमें है, बादल की बाहों का बल है
गोरा का जोश भरा तुझमें, तलवार की चाहों का फल है
तू शक्ति स्थल रण वीरों का
तू भक्ति-स्थल रण धीरों का
तू पारस है कुन्दन-कुन्दन
तू तीरथ है वन्दन-वन्दन
तू स्वर्ग से सुन्दर, दुनिया को ये बात बताई जायेगी।
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी।
भीमकाय नभ को छूते वल्लभ धारे तेरे द्वारे
जीत की क्या कोई करे कामना सदियों से दुश्मन हारे
तुझ पर तोपों की तैनाती हाथी को पसीना लाती थी
तोपों गोलों की गर्जन से दिल्ली तक भी थर्राती थी
रक्षा को तेरे देवदूत
केसर बरसाये मेघदूत
मिटने को तेरे सपूत
पूजा में वीर सपूतों की तलवार पुजाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
सौ-सौ पे भारी शूरवीर पातल पीतल गोरा बादल
जीते जी इनके देख ना पाया, खिलजी रानी का आंचल
जौहर कर बैठी क्षत्राणी रखने रजपूती शैरो की
मायूस हुमायूँ की राखी रखवाली राख के ढेरों की
हर सीना यश से जड़ा यहाँ
सरकटा तो धड़ भी लड़ा यहाँ
भीलों का तीर करामाती
दुश्मन के दिल में गढ़ा यहाँ
इस मशाल से बलिदानी हरजोते जलाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
गौरवशाली सदियां शामिल तेरा इतिहास बनाने में
तू वतन परस्ती की मिसाल है, तुझसा कहाँ जमाने में
लिए कीर्ति कलश खड़ा इस विजय स्तम्भ का क्या कहना
है देश-प्रेम का ये प्रतीक वीरों का आभूषण गहना
जगदम्बा काली मतवाली
करती है सबकी रखवाली
माणक मोती लिये खड़े
भामाशाह सोने की थाली
उस दानवीर के हर मोती की आब बढ़ाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
यहाँ बिराजे कृष्ण बिरज से आकर मीरा मन्दिर में
नाचे रे मीरा मन मोहन को पाकर मीरा मन्दिर में
शोर नहीं करते पंछी सूरजमय गगन नहीं होता
भोर नहीं होती तब तक मीरा का भजन नहीं होता
भक्तिमय चारों पहन यहाँ
होती है उजली सहर यहाँ
कृष्ण कृपा से मीरा का
अमृत में बदला जहर यहाँ
राधा के संग सदा जग में मीरा भी गाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
दगाबाज बलवीर पे भारी वफादार पन्ना धाई
फना हुआ बलवीर जहाँ से अमर हुई पन्ना माई
मेवाड़ उदय को बचा लिया थी ऐसी पन्ना मर्दानी
प्रताप को लाई दुनिया में पन्ना चन्दन की कुर्बानी
पन्ना का पावन त्याग यहाँ
चन्दन जैसी सौगात यहाँ
नौ गजा पीर की ये मशाल
रखवाली सारी रात यहाँ
मेरे गीतों की हर पंक्ति तेरे गुण गाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी
बाबा चलफिर शाह का परचम तेरा तुझ पर परवाज करे
पाकर मीरा की भक्ति को मन मोहन तुझ पर नाज करे
दुश्मन का सीना छलनी कर भीलों ने भार लिया तेरा
लोहार लाज रखें तेरी ना दीप जलाये ना डाले डेरा
तेरी मिट्टी मखमल मखमल
झरने बहते कल कल कल कल
जब्बार, नगरवासी प्यारे
खाते हैं मीठा सीता फल
मेरे गीतों की हर पंक्ति तेरे गुण गाई जायेगी
वीरों के बलिदानों की हर आवाज उठाई जायेगी।